नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर बीजेपी (BJP) ने 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) में उम्मीदवारों को चुनने को लेकर विचार-मंथन चल रहा है. महाराष्ट्र की 48 सीटों पर उम्मीदवार उतारने को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन में बैठकों का दौर भी चल रहा है. NDTV के खास शो ‘खबर पक्की है’ के तहत आपको ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर हम महाराष्ट्र की 3 हाईप्रोफाइल सीटों का हाल बता रहे हैं. आइए जानते हैं कि नागपुर, कोल्हापुर और बीड सीट से किसे मिलेगा टिकट और कौन होगा रिजेक्ट:-
नागपुर सीट (महाराष्ट्र)
सबसे पहले बात संतरों की नगरी के नाम से मशहूर नागपुर की करते हैं. आबादी के हिसाब से नागपुर महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. राजनीतिक नज़रिए से भी इस शहर की बड़ी अहमियत है. ये महाराष्ट्र का विंटर कैपिटल भी है. यहां हर साल विधानसभा और विधान परिषद का एक सत्र होता है. इसी शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुख्यालय भी है.
नागपुर सीट फिलहाल बीजेपी के पास है. नितिन गडकरी मौजूदा सांसद हैं. फिलहाल केंद्र में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं. 2019 के इलेक्शन में गडकरी ने कांग्रेस के नाना फाल्गुनराव पटोले को हराया था. यहां पिछले चुनाव में कुल 11,87,215 वोट पड़े थे. गडकरी को 6,60,221 वोट मिले और फाल्गुनराव पटोले 4,44,212 वोट मिले. यानी हार और जीत के बीच 2,16,009 वोटों का अंतर रहा.
मांडलिक ने 2019 में कोल्हापुर सीट से जीत हासिल की थी. उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP के संजय महाडिक को हराया था. अब एनसीपी में भी दो गुट हो चुके हैं. अजित पवार के गुट को चुनाव आयोग ने असली एनसीपी माना है. कोल्हापुर में 2019 के चुनाव में कुल मिलाकर 13,30,852 वोट पड़े थे. संजय सदाशिवराव मांडलिक को 7,49,085 वोट मिले. संजय महाडिक को 4,78,517 वोट मिले. संजय सदाशिवराव मांडलिक पिछले चुनावों में 2,70,568 वोटों के अंतर से जीते थे.
सत्ताधारी शिवसेना (शिंदे गुट) किसे देगी टिकट?
कोल्हापुर से सत्ताधारी शिवसेना के मौजूदा सांसद संजय मांडलिक को दोबारा टिकट दिया जा सकता है. मांडलिक की कोल्हापुर में अच्छी पकड़ मानी जाती है. वो मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नज़दीकी हैं. ऐसे में इस सीट पर उनका टिकट कंफर्म है.
महाविकास आघाड़ी किसे चुनेगी उम्मीदवार?
MVA यानी कांग्रेस, शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे गुट के गठबंधन में सबसे पहला नाम कांग्रेस के छत्रपति शाहू महाराज का चल रहा है. छत्रपति शाहू महाराज राजघराने के प्रमुख हैं.
शिवसेना (UBT) किस पर लगा सकती है दांव
कोल्हापुर शिव सेना का गढ़ रही है. शिवसेना (UBT) के ज़िला अध्यक्ष हैं और पुराने शिवसैनिक विजय देवने का नाम भी चल रहा है. हालांकि, पार्टी टूटने के बाद उद्धव ठाकरे गुट की ताकत यहां घट गई है. इसलिए हो सकता है कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट को ही टिकट दे दिया जाए.
बीड (महाराष्ट्र)
आखिर में महाराष्ट्र के दक्कन के पठार पर स्थित बीड निर्वाचन क्षेत्र का हाल जानते हैं. कनकलेश्वर मंदिर जैसे प्राचीन पुराने मंदिरों, किलो से घिरा ये शहर ऐतिहासिक है. यहां पुराने अवशेष तो बहुत मिलते हैं, पर इतिहास के पन्नों में इसका ज़िक्र ज़्यादा नहीं है. फिलहाल ये सीट बीजेपी के पास है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रीतम मुंडे 2019 में बीड से सांसद चुनी गईं. 2019 के चुनाव में यहां कुल 13,52,399 वोट पड़े. इनमें से प्रीतम मुंडे को 6,78,175 वोट मिले. कांग्रेस के बजरंग मनोहर सोनवणे के खाते में 5,09,807 वोट आए.
विपक्ष किसपर लगाएगा दांव?
विपक्ष यानी महाविकास अघाड़ी में सबसे पहला नाम डॉ. नरेंद्र कौल का चल रहा है, ये एनसीपी शरद पवार गुट के नेता हैं. नरेंद्र कौल एनसीपी डॉक्टर सेल के अध्यक्ष हैं और सुप्रिया सुले के नज़दीकी माने जाते हैं. एनसीपी के पूर्व विधायक जयसिंह गायकवाड का नाम भी बीड से लिया जा रहा है. इन्हें ज़मीनी नेता के तौर पर जाना जाता है. पार्टी के पुराने नेता हैं और सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. महाविकास आघाड़ी की तरफ से इन्हें भी एनसीपी टिकट दे सकती है.
मुंडे परिवार से टक्कर लेने के लिए महाविकास आघाड़ी भी एक मुंडे को उनके सामने उतार सकती है. मुंडे बनाम मुंडे के इस मुकाबले में एनसीपी के ईश्वर मुंडे का नाम उछल रहा है. ये पार्टी का युवा चेहरा हैं. खबर है कि आगामी चुनावों के लिए वो अपने लिए टिकट मांग रहे हैं.