चेन्नई: घरेलू नायक रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Aswhin) ने बृहस्पतिवार को यहां नाबाद शतक जड़ने के बाद कहा कि बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए तैयार की गई लाल मिट्टी की पिच पर उन्होंने जानबूझकर आक्रामक बल्लेबाजी करने की कोशिश की. उनकी यह रणनीति कारगर रही और इसकी बदौलत वह घरेलू दर्शकों के सामने शानदार शतक लगाकर भारत को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने में सफल रहे. अश्विन ने पहले दिन के खेल खत्म होने के बाद मेजबान प्रसारक से कहा, ‘यह चेन्नई की पुरानी पिच है, जिसमें थोड़ा उछाल है. लाल मिट्टी की पिच पर आप अगर लाइन में आकर शॉट खेलने के इच्छुक हों, तो आप कुछ शॉट खेल सकते हो.’
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से मैं हमेशा से ही अपने बल्ले को ऑफ स्टंप के बाहर घुमाता रहा हूं. मैंने कुछ चीजों पर काम किया और इस तरह की पिच पर अगर आपको गेंद पर शॉट लगाने है तो ऋषभ पंत की तरह आक्रामक बल्लेबाजी करनी चाहिए.’ ऋषभ पंत ने 52 गेंदों पर 39 रन बनाकर अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन लूज स्ट्रोक पर आउट हो गए.भारत ने एक समय शीर्ष चार बल्लेबाज 96 रन के अंदर गंवा दिये थे. इसके बाद अश्विन ने बांग्लादेश के गेंदबाजों पर दबदबा बनाते हुए 112 गेंद में शतक जड़कर नाबाद 102 रन और रवींद्र जडेजा (नाबाद 86 रन) के साथ नाबाद साझेदारी बनाई.
बहरहाल, अश्विन ने अपने शानदार प्रदर्शन का श्रेय तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में अपने हालिया प्रदर्शन को दिया जहां उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर काम किया. उन्होंने कहा,‘मैं टी20 टूर्नामेंट खेलकर यहां आया हूं जिससे मदद मिली. मैंने अपनी बल्लेबाजी पर काम किया.’ इस मैदान पर अपना दूसरा शतक जड़ने वाले अश्विन ने कहा, ‘घरेलू दर्शकों के सामने खेलना हमेशा विशेष अहसास होता है. मैं इस मैदान पर क्रिकेट खेलना पसंद करता हूं. इसने मुझे कई शानदार यादें दी हैं.’
अश्विन ने पारी के चुनौतीपूर्ण चरण में अपने साथी जडेजा के सहयोग की बात स्वीकारते हुए कहा, ‘जडेजा ने सच में काफी मदद की. ऐसा भी समय था जब पसीना बह रहा था और मैं थोड़ा थक गया था.पर जड्डू ने तुरंत इसे महसूस किया और मेरा मार्गदर्शन किया.’ उन्होंने कहा, ‘जड्डू पिछले कुछ वर्षों में टीम के लिए हमारे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. उनकी मौजूदगी राहत भरी थी क्योंकि उन्होंने सलाह दी कि हमें दो को तीन रन में नहीं बदलना है, जो मेरे लिए सच में मददगार रहा.’