पेरिस: Manu Bhake is on the verge of another medal: जारी पेरिस ओलंपिक में पहले से ही दो कांस्य पदक जीत चुकीं भारत की मनु भाकर ने महाकुंभ के सातवें दिन शुक्रवार को एक और पदक की आस जगा दी है. मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के लिए अभूतपूर्व तीसरे पदक की ओर कदम बढ़ाते हुए शुक्रवार को यहां निशानेबाजी की 25 मीटर महिला पिस्टल स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया, लेकिन एक और निशाने बाज ईशा सिंह प्रतियोगिता से बाहर हो गईं. मनु ने प्रिसिजन में 294 और रेपिड में 296 अंक के साथ कुल 590 अंक जुटाकर क्वालीफिकेशन में दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल में प्रवेश किया. मनु ने प्रिसिजन दौर में 10-10 निशानों की तीन सीरीज में क्रमश: 97, 98 और 99 अंक जुटाए। रेपिड दौर में उन्होंने तीन सीरीज में 100, 98 और 98 अंक हासिल किए. हंगरी की मेजर वेरोनिका ने 592 अंक के साथ ओलंपिक के क्वालीफिकेशन रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए क्वालीफिकेशन में शीर्ष स्थान हासिल किया.
🇮🇳 𝗔𝗻𝗼𝘁𝗵𝗲𝗿 𝗳𝗶𝗻𝗮𝗹 𝗳𝗼𝗿 𝗠𝗮𝗻𝘂! Terrific performance from Manu Bhaker once again to book her spot in yet another final. Can she go on to win a third medal at #Paris2024?
🔫 Manu Bhaker finished at 2 with a score of 590-24x.
😓 Esha Singh unfortunately missed out… pic.twitter.com/qCUUNZhpgh
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 2, 2024
वहीं, ईशा प्रिसिजन में 291 और रेपिड में 290 अंक के साथ कुल 581 अंक जुटाकर 18वें स्थान पर रहीं और आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह नहीं बना सकीं. उन्होंने प्रिसिजन की पहली दो सीरीज में 95 और 96 अंक जुटाने के बाद 100 अंक के साथ जोरदार वापसी की लेकिन रेपिड दौर में 97, 96 और 97 अंक ही जुटा सकीं. इस स्पर्धा का फाइनल शनिवार तीन अगस्त को खेला जाएगा.
क्वालीफिकेशन के प्रिसिजन दौर के बाद मनु और ईशा क्रमश: तीसरे और 10वें स्थान पर थे. प्रिसिजन दौर में शीर्ष दो स्थान पर रहीं वेरोनिका और फ्रांस की कैमिली जेद्रेजेवस्की ने भी मनु के समान 294 अंक जुटाए लेकिन दोनों ने ‘एक्स’ (लक्ष्य का केंद्र) पर अधिक निशाने लगाकर पहले दो स्थान पर कब्जा जमाया. मनु ने ‘एक्स’ पर सात निशाने साधे, जबकि वेरोनिका और कैमिली ने क्रमश: 15 और 13 बार ऐसा किया. इससे पहले मनु भाकर ने व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिश्रित टीम वर्ग में भी कांस्य पदक जीता. वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं.