भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में बेल्जियम के खिलाफ मिली हार के बाद जोरदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को पूल बी के मैच में 3-2 से हरा दिया है. यह भारत का अंतिम पूल मैच था. यह जीत ऐतिहासिक है, क्योंकि भारत ने 52 साल बाद ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को हराया है.
भारत के लिए इस मैच में हरमनप्रीत सिंह ने दो और अभिषेक ने एक गोल किया. भारतीय हॉकी टीम ने इससे पहले ओलंपिक में 1972 में ऑस्ट्रेलिया को हराया था. पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए यह ग्रुप काफी कठिन था, क्योंकि बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया जैसी दो मजबूत टीमों के साथ मुकाबला था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच को भारत के लिए बड़ी बाधा माना जा रहा था. इस जीत से अब निश्चित तौर पर भारतीय हॉकी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है.
भारत ने इससे पहले पूल बी में अपने अभियान की शुरुआत न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर की थी. इसके बाद अर्जेंटीना के खिलाफ 1-1 से मैच ड्रा किया था. इसके बाद आयरलैंड को 2-0 से मात दी थी.
भारत के लिए अभिषेक (12वें), कप्तान हरमनप्रीत (13वें, 33वें) ने गोल किए जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए टॉम क्रेग (25वें) और ब्लेक गोवर्स (55वें) ने गोल किए. इस जीत के साथ, भारत, नौ अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहकर अपने पूल में टेबल टॉपर्स बेल्जियम (12) से पीछे रहेगा, जिसने अभी तक एक भी मैच नहीं खेला है. अगर बेल्जियम अर्जेंटीना के खिलाफ मैच हार भी जाता है तो भी पोल पोजीशन नहीं बदलेगी. उस मैच के बाद गोल अंतर अंतिम स्थान निर्धारित करेगा.
भारतीयों ने आक्रामक शुरुआत की और पहले दो मिनट में दो सर्कल में प्रवेश किया. अनुभवी गोलोकीपर पीआर श्रीजेश, जो अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहे हैं, उन्होंने कुछ अहम बचाव किए.
मैच के 11वें मिनट में श्रीजेश ने टॉम विकहैम के शॉट पर पहला बचाव किया. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया को पेनल्टी कॉर्नर मिला. लेकिन जेरेमी हेवर्ड टारगेट से दूर रहे थे.
इसके बाद जरमनप्रीत सिंह ने दाहिने फ्लैंक से सुखजीत सिंह को पास दिया. उन्हें बस गेंद को डिफ्लेक्ट करने की जरूरत थी लेकिन वह शक्तिशाली प्रहार को नहीं रोक सका. जब तक वह गेंद को कंट्रोल में लेते, तब तक मजबूत ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस ने उनके प्रयास को आसानी से विफल कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो मौके बनाए, लेकिन भारतीय डिफेंस मजबूत रहा और ऑस्ट्रेलिया को गोल नहीं करने दिया. भारत ने 12वें मिनट में अभिषेक की मदद से बढ़त बनाकर ऑस्ट्रेलिया को चौंका दिया. ललित को डी में एक पास मिला था. ललित ने इस पर शॉट का प्रयास किया लेकिन ऑस्ट्रेलियाई गोलकीपर एंड्रयू चार्टर ने इसे बचा लिया. अभिषेक को रिबाउंड पर गेंद मिली, टर्न हुई और वह प्रतिद्वंद्वी गोलकीपर एंड्रयू चार्टर को चकमा देने में सफल रहे.
एक मिनट बाद, भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला जब गेंद जेक हार्वी के पैर को छू गई और हरमनप्रीत ने जोरदार ग्राउंड फ्लिक से भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई.
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में टिम ब्रांड के पास ऑस्ट्रेलिया के पास वापसी का मौका था, लेकिन उन्होंने गेंद को वाइड मार दिया. ऑस्ट्रेलिया को 19वें मिनट में मैच का दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोवर्स के शॉट को श्रीजेश ने रोक दिया. उप-कप्तान हार्दिक सिंह मध्य-क्षेत्र में सक्रिय थे और फॉरवर्ड को लगातार खिला रहे थे.
25वें मिनट में ऑस्ट्रेलिया को तीसरा शॉर्ट कॉर्मर मिला. यह कप्तान अरन ज़ाल्वेस्की का एक खराब इंजेक्शन था, लेकिन यह एक गोल में बदल गया क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तेजी से वापसी करते हुए इसे दूसरे पोस्ट पर क्रेग को पास कर दिया, जिसने गेंद को अंदर की ओर डिफ्लेक्ट किया.
भारत को जल्द ही पेनल्टी कॉर्नर भी मिल गया लेकिन इस बार हरमनप्रीत की स्ट्राइक को चार्टर ने रोक लिया. हाफ टाइम तक भारत 2-1 से आगे था.
भारत को तीसरा पेनल्टी कॉर्नर तब मिला जब मनप्रीत सिंह को ऑस्ट्रेलियाई डिफेंडर ने टैकल किया. हरमनप्रीत की गोलमाउथ स्ट्राइक को फ्लिन ओगिल्वी ने रोकने का प्रयास किया. भारत ने रेफरल लिया, जिसके परिणामस्वरूप पेनल्टी स्ट्रोक मिला. हरमनप्रीत ने मौके को भुनाने में कोई गलती नहीं की. भारत इसके बाद 3-1 से आगे था.
ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे क्वार्टर से कुछ ही सेकंड में एक और शॉर्ट कॉर्नर अर्जित किया लेकिन वह मौके का फायदा उठाने में असफल रहा. भारतीयों ने भी अंतिम क्वार्टर में लगातार पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन टीम उन्हें गोल में नहीं बदल पाई. 53वें मिनट में मनदीप सिंह द्वारा पास मिलने के बाद अभिषेक ने एक और अच्छा गोल किया, लेकिन स्टिक चेक के कारण गोल को खारिज कर दिया गया.
अंतिम हूटर बचने से पांच मिनट पहले, गोवर्स ने पेनल्टी स्ट्रोक से अपना सातवां गोल करके अंतर कम कर दिया. इसके बाद, भारतीय डिफेंस ने आस्ट्रेलियाई टीम को जीत दर्ज करने से रोक दिया.