जाति जनगणना मुद्दे को लेकर राहुल गांधी पर भड़के विवेक अग्निहोत्री , कहा- जिन्ना की चाल दोहरा रहे

Vivek Agnihotri got angry at Rahul Gandhi over the caste census issue, said- he is repeating Jinnah's trick

नई दिल्ली: ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को लेकर सुर्खियों में आए फिल्म मेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री अब अपनी नई फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ की तैयारियों में जुटे हैं. इसके लिए वह बारीकी से रिसर्च कर रहे हैं, ताकि फैक्ट्स में कहीं कोई कमी न रहे. अपने काम के अलावा, विवेक अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं. वह हर मुद्दे पर अपनी राय रखने से पीछे नहीं हटते. बुधवार को विवेक ने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें सबसे ऊपर लिखा गया- ‘जाति जनगणना एक भयावह राजनीतिक चाल क्यों है?’. अपने पोस्ट में फिल्ममेकर ने लिखा, ”मैं अपनी फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ में ज्यादा बिजी हूं, इसलिए मैं राजनीति में क्या हो रहा है, इस पर बारीकी से नजर नहीं रख पा रहा हूं”.

उन्होंने आगे कहा, ”कल रात मैंने राहुल गांधी का भाषण देखा, और इसमें एक बड़ी समस्या है. अगर जातियों के लिए चिंता सचमुच होती, तो मैं इसे समझता, लेकिन यह सिर्फ हिंदू वोटों को बांटने और सत्ता हासिल करने के लिए है. इस भयावह अभियान के केंद्र में पीएम मोदी हैं, जाति नहीं. यह मोदी पर केंद्रित है, जाति पर नहीं. इसलिए यह सच नहीं है, यह भयावह है. यहां कुछ कारण है…”.

विवेक ने पांच कारण दिए, जिसमें पहले कारण में लिखा, ”जब भाजपा ने राम आंदोलन शुरू किया तो यह राजनीतिक और वैचारिक दोनों था. भाजपा और आरएसएस के लोग इसी तरह के होते हैं. उन्होंने जोश के साथ लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की, जिससे सभी हिंदू एक हो गए, जो देश के लिए अच्छा था”.

दूसरे कारण में लिखा, ”राहुल गांधी का जाति जनगणना अभियान वीपी सिंह के खतरनाक मंडल आयोग अभियान की याद दिलाता है. राजा साहब वीपी सिंह ने अपनी सत्ता बचाने के लिए जाति के नाम पर राजनीति का यह खतरनाक दांव खेला था, जबकि उन्हें इस पर पूरा भरोसा नहीं था. इसका नतीजा यह हुआ कि समाज जाति के मामले में हमेशा के लिए टूट गया”.

तीसरे कारण में लिखा, ”राहुल गांधी का जाति मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है, यह सब नकली है, जिसका मकसद सत्ता हथियाना है. राहुल गांधी जातियों के प्रति सहानुभूति नहीं, बल्कि जाति के नाम पर केवल राजनीति कर रहे हैं. यह अभियान लड़ाई-झगड़े, अराजकता और अव्यवस्था पैदा करेगा. समाज को और विभाजित करेगा. यह वही है जो शहरी नक्सली चाहते हैं”.

चौथे कारण में फिल्ममेकर ने लिखा, ”पिछले पांच सालों से हम ‘द दिल्ली फाइल्स’ के लिए भारत के बंटवारे पर रिसर्च कर रहे हैं. मैंने जाना है कि जिन्ना धर्मनिरपेक्ष थे और गांधी जाति-धर्म की राजनीति के खिलाफ थे. लेकिन जब जिन्ना गांधी की लोकप्रियता को चुनौती नहीं दे सके, तो उन्होंने धर्म का कार्ड खेला और भारत को विभाजित कर दिया. राहुल गांधी वही दोहरा रहे हैं जो जिन्ना और वीपी सिंह ने किया था. राजनीति में यह सबसे आसान चाल है”.

अपने आखिरी और पांचवें कारण में विवेक ने लिखा, ”हिंदुओं को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही हमारा सब कुछ है. भारत तभी विकसित होगा जब हम एकजुट होंगे. भारत तभी सुरक्षित और मजबूत होगा जब हम सब एकजुट होंगे. पिछले एक दशक में हम पहले से कहीं ज्यादा एकजुट हुए हैं. इसके लिए 100 साल की कुर्बानी दी गई है. इस एकता को मत खोइए. यह नरेंद्र मोदी की परीक्षा नहीं है, यह हर हिंदू की परीक्षा है. कृपया इसमें असफल न हों”.